बालपुर गोंडा। बीस सालों से अधिक समय से बालपुर पुलिस चौकी को थाना बनाने की फाइल शासन में धूल फांक रही है। 65 गांवों को मिलाकर नया थाना बनाने को लेकर को लेकर शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। इसको लेकर बाद की सपा व बसपा की सरकार में शासन की मांग पर रिवाइज प्रस्ताव भी भेजा गया लेकिन पैरवी के अभाव में यह अधर में लटका हुआ है।
थाना कोतवाली करनैलगंज की पुलिस चौकी बालपुर गोंडा लखनऊ हाईवे स्थित है। इसे उच्चीकृत करके नया थाना बनाने का प्रस्ताव प्रदेश शासन को करीब 20 साल पहले भेजा गया। बालपुर पुलिस चौकी क्षेत्र में करीब दो दर्जन गांव पहले से मौजूद है। बालपुर पुलिस चौकी को थाना बनाने के प्रस्ताव की फाइल पिछले 20 सालों से शासन में धूल फांक रही है। इसकी फाइल पर जमीं धूल को साफ करके इसे कोई देखने वाला नहीं है। जब से इसका प्रस्ताव शासन में धूल फांक रहा तब से प्रदेश में सैंकड़ों नये थाने बनाये जा चुके है। लेकिन इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बालपुर कस्बे से जिला मुख्यालय की दूरी 12 किलोमीटर है। इसी प्रकार से करनैलगंज 15 किलोमीटर, परसपुर 12 किलोमीटर, कटराबाजार 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन सभी कस्बों में काफी पुराने समय से थाने संचालित हो रहे है। भौगोलिक स्थिति बेहद अनुकूल होने के बावजूद बालपुर थाने को शासन से मंजूरी नहीं मिल पा रही है। इसका सबसे महत्वपूर्ण तथ्य गोंडा लखनऊ हाईवे पर स्थित होना बताया जा रहा है।
20 साल पहले बालपुर पुलिस चौकी को थाना बनाने का जो प्रस्ताव शासन को भेजा गया उसमें क्षेत्र के 65 गांव शामिल बताये गये। इनमें सर्वाधिक गांव करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के व देहात कोतवाली क्षेत्र के शामिल किये गये। कटरा बाजार थाना क्षेत्र के छिटनापुर, परवानपुर, मैजापुर, वमडेरा, सर्वांगपुर, हलधरमऊ, मोहम्मदपुर,कौंड़हा जगदीशपुर, बरुई गोंदहा समेत करीब 9 गावों के नाम शामिल है। इसी तरह से थाना देहात कोतवाली क्षेत्र के कैथोला, नकही,खानपुर, बालपुर जाट, लक्ष्मनपुर जाट, माधवपुर राय,दुरगोंड़वा, ठकुरापुर, तुलसीपुर, धानी गांव, धनखर, ठटिया मटेहिया,नरायनपुर मर्दन, सालपुर धौताल, डोमा कल्पी समेत करीब 24 गांव शामिल रहे। सबसे कम गांव परसपुर थाना क्षेत्र के इसमें शामिल बताये गये। इसी तरह से बालपुर चौकी क्षेत्र के अलावा करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांव इसमें शामिल हुए बताये गये।
करनैलगंज तहसील के तत्कालीन एसडीएम रवीन्द्र कुमार सिंह के कार्यकाल में बालपुर पुलिस चौकी को थाना बनाने का प्रस्ताव पहली बार तैयार किया गया। उन्ही के कार्यकाल में इसे सर्वे करके भेजा गया। बाद की सपा व बसपा की सरकार में शासन की मांग पर इसके कई बार रिवाइज प्रस्ताव भी बनाकर भेजे गये। इस मामले में ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है। इतनी सारी कवायद के बावजूद यह काम शासन में इतने ज्यादा लंबे समय से फंसा हुआ है।