Home Action सांसद निधि योजना में लापरवाही दो बार भेजे गए भ्रामक उपभोग प्रमाणपत्र

सांसद निधि योजना में लापरवाही दो बार भेजे गए भ्रामक उपभोग प्रमाणपत्र

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गोण्डा : जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियन्ता जे०बी० सिंह के विरुद्ध वित्तीय प्रकरण में की गई गंभीर असावधानी एवं लापरवाही के दृष्टिगत मध्यावधि विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि के अंतर्गत परिनिन्दा की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में माननीय सांसद कैसरगंज द्वारा अनुमोदित तीन परियोजनाओं के सापेक्ष अवमुक्त प्रथम किश्त रूपये 28.227 लाख के उपभोग प्रमाणपत्र एवं द्वितीय किश्त की मांग से सम्बंधित पत्राचार में अधिशासी अभियन्ता द्वारा जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को प्रेषित उपयोगिता प्रमाणपत्रों में धनराशि का अंकन त्रुटिपूर्ण पाया गया।

मुख्य विकास अधिकारी, गोण्डा के माध्यम से प्रस्तुत अभिलेखों के परीक्षण उपरांत यह तथ्य प्रकाश में आया कि अधिशासी अभियन्ता द्वारा दिनांक 4 फरवरी एवं 4 अप्रैल 2025 को प्रेषित दो अलग-अलग पत्रों में परियोजना “कलहंसनपुरवा मसौलिया परसपुर में शंकर के खेत से रिंकू के खेत तक 250 मीटर लम्बाई में इंटरलॉकिंग कार्य” की धनराशि क्रमशः रूपये 8.154 लाख एवं 13.69 लाख दर्शायी गई, जबकि वास्तविकता में उक्त परियोजना हेतु मात्र रूपये 7.786 लाख की धनराशि ही प्रथम किश्त के रूप में निर्गत की गई थी।

एक ही प्रकरण में दो बार इस प्रकार की त्रुटिपूर्ण एवं भ्रामक सूचनाएं प्रदान किया जाना प्रशासनिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने वाला तथा अत्यन्त गंभीर वित्तीय लापरवाही का द्योतक माना गया है। परिणामस्वरूप द्वितीय किश्त की धनराशि निर्गत करने में अनावश्यक विलम्ब हुआ, जिससे विकास कार्यों की प्रगति प्रभावित हुई।

जिलाधिकारी ने इस गंभीर प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए अधिशासी अभियन्ता की कार्यप्रणाली को नितान्त खेदजनक एवं अस्वीकार्य बताते हुए मध्यावधि विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि के अंतर्गत “परिनिन्दा” की कार्रवाई की है।

इस संदर्भ में प्रतिलिपि मुख्य विकास अधिकारी गोण्डा एवं अधीक्षण अभियन्ता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग गोण्डा वृत्त को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई है।

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