कर्नलगंज गोंडा। तहसील क्षेत्र के विकास खंड कर्नलगंज के अंतर्गत ग्राम पंचायत भंभुआ में सोमवार को कोटे की दुकान चयन के लिए आयोजित बैठक में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बीच काफी गहमागहमी देखने को मिली। इस बैठक में पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह की उपस्थिति ने चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए।
ग्रामीणों और आवेदकों ने आरोप लगाया कि बैठक में पारदर्शिता का अभाव रहा और पूर्व मंत्री के दबाव में अधिकारियों ने मनमानी की। बैठक में स्वयं सहायता समूहों के दो आवेदन प्राप्त किए गए। हालांकि, एक समूह के आवेदक ने पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह पर कोटे की दुकान चयन में हस्तक्षेप करने का गंभीर आरोप लगाया। इसके अलावा, बैठक के समापन के बाद नोडल अधिकारी के पहुंचने से भी चयन प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठे। ग्रामीणों का कहना है कि नोडल अधिकारी की अनुपस्थिति में बैठक का आयोजन नियमों का उल्लंघन है। आरोपों के अनुसार, ग्राम प्रधान और सचिव ने बिना डुग्गी मुनादी कराए और सार्वजनिक स्थानों पर लिखित सूचना चस्पा किए बगैर मनमाने तरीके से बैठक आयोजित की। इससे कई पात्र आवेदकों को बैठक की जानकारी ही नहीं मिली।
ग्रामीणों ने दावा किया कि गुपचुप तरीके से अपात्र व्यक्ति को कोटे की दुकान आवंटित करने की कोशिश की जा रही है। कई ग्रामीणों ने पूर्व मंत्री के दबाव में अधिकारियों द्वारा निष्पक्ष प्रक्रिया न अपनाए जाने की शिकायत की। इस मामले ने स्थानीय स्तर पर विवाद को जन्म दे दिया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि कोटे की दुकान चयन प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से दोबारा आयोजित किया जाए। वहीं, प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। इस घटना से ना केवल प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं बल्कि कोटे की दुकान चयन प्रक्रिया भी विवादों के घेरे में है।