गोंडा | गोंडा जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के स्तर को सुधारने हेतु जिलाधिकारी नेहा शर्मा के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। इसके अंतर्गत 51 ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों ने स्वेच्छा से कूड़ा के डोर-टू-डोर कलेक्शन के लिए 30 रुपये प्रति माह का भुगतान करना शुरू किया है। यह व्यवस्था “स्वच्छ गांव, समृद्ध गोंडा – निगरानी अभियान” के तहत शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य स्वच्छता की निरंतरता बनाए रखना है।
प्रत्येक ग्राम पंचायत के स्वयं अर्जित राजस्व (OSR) खाते में इस भुगतान की राशि जमा हो रही है, जिसका उपयोग कूड़ा संग्रहण और उसके उचित निस्तारण के लिए किया जा रहा है। अब तक इन 51 ग्राम पंचायतों के OSR खातों में ₹21,760 का योगदान प्राप्त हो चुका है, जो यह प्रदर्शित करता है कि ग्रामीण स्वच्छता अभियान में अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए सक्रिय रूप से भागीदारी कर रहे हैं।
जिला प्रशासन द्वारा इस व्यवस्था को जनपद की अन्य ग्राम पंचायतों में भी विस्तार देने की योजना बनाई गई है, जिससे पूरे जनपद में स्वच्छता के उच्च मानकों को सुनिश्चित किया जा सके। इस प्रणाली के अंतर्गत कूड़ा संग्रहण कार्य को स्थिर और प्रभावी बनाने में ग्रामीणों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
कूड़ा संग्रहण की व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, कूड़ा इकट्ठा करने वाले वाहनों पर QR कोड भी लगाए गए हैं, जिससे ग्रामीणों को भुगतान की प्रक्रिया में आसानी हो रही है। यह कदम प्रशासन द्वारा स्वच्छता को लेकर ग्रामीणों के बीच जागरूकता और सक्रिय सहभागिता बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है।
“स्वच्छ गांव, समृद्ध गोंडा – निगरानी अभियान” 7 अप्रैल 2025 से शुरू किया गया था, और इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की निरंतरता और प्रभावी निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा और जिला प्रशासन के प्रयासों से यह अभियान अब एक जन आंदोलन के रूप में विकसित हो रहा है, जो जनपद के प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्वच्छता की दिशा में योगदान प्रदान कर रहा है।