गोंडा 19 अप्रैल। जनपद की तहसील तरबगंज स्थित पौराणिक मां वाराही देवी मंदिर — जिसे 51 शक्तिपीठों में एक माना जाता है — अब व्यवस्थित और विकसित स्वरूप की ओर अग्रसर है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा की सक्रिय पहल और स्थानीय जनभागीदारी से इस ऐतिहासिक मंदिर का सौंदर्यीकरण एवं कायाकल्प कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है।
पहले चरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिसमें मुख्य रूप से मंदिर मार्ग का अतिक्रमण मुक्त कराना, 53 अस्थायी दुकानों को हटाकर उन्हें व्यवस्थित रूप में पुनर्स्थापित करने की प्रक्रिया तथा मंदिर के समक्ष बड़े कंपाउंड का निर्माण कार्य शामिल है। इससे श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन एवं आवागमन में राहत मिली है।
वर्तमान में दूसरे चरण का कार्य प्रगति पर है, जिसमें मंदिर परिसर के विस्तृत सौंदर्यीकरण, प्रकाश व्यवस्था, बैठने की समुचित व्यवस्था, वृक्षारोपण तथा अन्य जनसुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। डीएम नेहा शर्मा के निर्देशन में संबंधित विभाग एवं स्थानीय नागरिक मिलकर कार्य को गति दे रहे हैं।
मंदिर से जुड़ी मान्यता के अनुसार, यह स्थान मां सती के दांतों के गिरने का स्थल है और यहां दो गहरे छिद्र आज भी देखे जा सकते हैं, जिनकी गहराई अब तक मापी नहीं जा सकी है। विशेष रूप से नेत्र रोगियों के बीच यह मंदिर आस्था का केंद्र माना जाता है।
जिलाधिकारी ने कहा, “यह सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी है। जनसहयोग से इसे आदर्श धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने का हमारा प्रयास जारी है।”
वाराही देवी मंदिर के कायाकल्प की यह योजना न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि प्रशासन और आमजन के सहयोग की मिसाल भी पेश करेगी।