गोण्डा 14 अप्रैल,2025* भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी की 134वीं जयंती के अवसर पर आयुक्त, देवीपाटन मंडल शशि भूषण लाल सुशील ने कमिश्नरेट सभागार में तथा जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कलेक्ट्रेट सभागार में डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा पूर्वक नमन किया। उन्होंने डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के जयंती के अवसर पर जनपद में भव्य कार्यक्रम के आयोजित किया गया। आयुक्त ने सभागार में उपस्थित सभी अधिकारियों, कर्मचारी अधिवक्ताओं से कहा कि बाबा साहब के मूल मंत्र ‘‘शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो’’ पर अमल करने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी न केवल भारतीय संविधान के शिल्पकार थे, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के प्रबल पक्षधर भी थे। आज का दिन हमें यह स्मरण कराता है कि समतामूलक समाज की स्थापना के लिए हमें निरंतर प्रयास करते रहना है। और उनके विचार आज भी हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि हम डॉ० अम्बेडकर के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाएं और एक सशक्त, समान और समावेशी भारत के निर्माण में योगदान दें।
कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ने डॉ० अम्बेडकर जी के जीवन, उनके संघर्षों एवं संविधान निर्माण में उनके अद्वितीय योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डॉ० अम्बेडकर जी का जीवन हमें समानता, न्याय और अधिकारों के प्रति जागरूक करता है। आज हम सब यहां भारत रत्न डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती के पावन अवसर पर एकत्र हुए हैं। यह दिन न केवल एक महापुरुष के जन्मदिवस का प्रतीक है, बल्कि यह हमें उनके विचारों, संघर्षों और उनके द्वारा दिए गए सामाजिक संदेशों को आत्मसात करने का अवसर भी प्रदान करता है। उन्होंने जीवन भर शोषण, भेदभाव और असमानता के विरुद्ध संघर्ष किया और समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व पर आधारित समाज की नींव रखी। बाबा साहब का मानना था कि “शिक्षा वह शस्त्र है जिससे कोई भी व्यक्ति अपना जीवन बदल सकता है।“ उन्होंने शिक्षा को अधिकार नहीं, बल्कि कर्तव्य के रूप में देखा। हमें भी उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए शिक्षा, सामाजिक समरसता और न्याय के मूल्यों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि हम सब मिलकर एक ऐसे समतामूलक, न्यायप्रिय और प्रगतिशील समाज के निर्माण में सहयोग करें, जैसा डॉ० भीमराव अंबेडकर जी ने सपना देखा था।