Home Transfer चार माह पहले तबादला होने के बावजूद हलधरमऊ सीएचसी पर जमें अधीक्षक

चार माह पहले तबादला होने के बावजूद हलधरमऊ सीएचसी पर जमें अधीक्षक

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बालपुर गोंडा। 8 सालों से एक ही स्थान पर कार्यरत सीएचसी अधीक्षक का करीब चार माह पहले बभनजोत सीएचसी के लिए तबादला होने के बावजूद वह यहीं पर जमें हुए हैं। इस तरह से सीएमओ द्वारा दिए गए उस तबादला आदेश का यह डॉक्टर धज्जियां उड़ा रहे हैं। उसी आदेश को न मानने के चलते गत दिनों सीएमओ ने परसपुर सीएचसी के अधीक्षक से जवाब तलब किया था। साथ में सीएमओ ने उस डॉक्टर को चेतावनी भी दी थी कि तबादला आदेश न मानने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई भी की जा सकती है।

हलधरमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक के पद पर डॉक्टर सन्त प्रताप वर्मा सेटिंग के दम पर पिछले 8 सालों से जमें हुए थे। तत्कालीन अधीक्षक डा. मनोज के स्थानांतरण के बाद डॉक्टर आफताब आलम करीब 4 माह तक यहां के अधीक्षक पद पर कार्यरत रहे। 8 जुलाई 2016 को डा. सन्त प्रताप वर्मा सीएचसी हलधरमऊ के पद पर काबिज हुए। करीब चार माह पहले उनका तबादला सीएचसी हलधरमऊ से बभनजोत के लिए कर दिया गया था। 28 जून को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिले के कई चिकित्साधिकारियों के तबादले कर दिए थे। गत दिनों तबादला आदेश न मानने के चलते सीएमओ ने परसपुर के सीएचसी अधीक्षक से जवाब तलब किया था। साथ में उनको चेतावनी भी जारी की गई थी कि तबादला आदेश न मानने पर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई भी की जा सकती है। यदि उनके स्थान पर संक्रामक रोग सेल में कार्यरत डॉक्टर प्रेम दयाल को हलधरमऊ सीएचसी का नया अधीक्षक बनाया गया है।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक हलधरमऊ सीएचसी अधीक्षक के 8 साल चले लम्बे कार्यकाल में किसी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का उनके द्वारा मेंटिनेंस नहीं कराया गया। जबकि सभी पीएचसी भवन के रखरखाव को लेकर प्रत्येक वर्ष अच्छा खासा बजट सरकार की ओर से आता रहा है। इसके चलते प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरांव खस्ताहाल होकर बन्दी के कगार पर है। इसकी कई जगह से टूटी चारदीवारी ढहने के कगार पर पहुंच गई है। इसका मेन गेट कई सालों से टूटा हुआ पड़ा है।यह अस्पताल पिछले कई सालों से लैब सहायक नागेंद्र प्रसाद के सहारे संचालित किया जा रहा है। उनकी ट्रेनिंग लगने के चलते करीब 6 माह तक यह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र इसी बीच बन्द भी रहा।

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नहवा परसौरा की उत्तरी भाग की चारदीवारी पिछले तीन सालों ढही पड़ी हुई है। यह अस्पताल फार्मासिस्ट मनोज श्रीवास्तव के सहारे संचालित किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बालपुर के सभी आवासीय भवन कबाड़ हो चुके है। नवनिर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हड़ियागाड़ा में बड़ी चोरी होने के बावजूद एफआईआर तक नहीं दर्ज कराई जा सकी है। साफ सफाई व्यवस्था सभी अस्पतालों में चौपट है।

इस बारे में जब भी डा. सन्त प्रताप वर्मा से पूछा गया तो उनका वही रटा रटाया जवाब मिलता की इसकी जिम्मेदारी जिले के उच्चाधिकारियों की है।  मुख्य चिकित्सा अधिकारी रश्मि वर्मा से इस बारे में जानने का प्रयास किया गया लेकिन उनके इंटरव्यू लेने में व्यस्त होने के चलते सम्पर्क नहीं हो पाया। एसीएमओ आदित्य वर्मा ने बताया कि तबादला आदेश के बारे में सीएमओ ही बता सकती हैं। इसके बारे में उनको कोई ज्यादा जानकारी नहीं है।

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