लखनऊ। यूपी के गोंडा जिले में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह के नाम पर जालसाजी हुई है। फर्जीवाड़ा करने वाला व्यक्ति इतना शातिर था कि उसने मंत्री की फोटो ट्रू कॉलर ऐप पर लगाई। फिर चकबंदी विभाग के अधिकारियों को फोन लगा दिया।
खुद को विदेश राज्य मंत्री बताते हुए चकबंदी कमिश्नर पर धौंस जमाई। कमिश्नर भी मामला भांप नहीं पाए। जालसाज ने कमिश्नर से एक या दो नहीं, 7 अधिकारियों को तबादले करा दिए। जब तक इसकी भनक मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह को हुई तो उनके प्रतिनिधि ने एफआईआर दर्ज कराया है। पुलिस जालसाज को ढूंढने में जुटी हुई है।
56 साल के कीर्तिवर्धन सिंह गोंडा लोकसभा सीट से सांसद हैं। वे इस समय केंद्र सरकार में विदेश राज्य मंत्री हैं। सतीश नाम के युवक ने 20 अगस्त को प्रदेश के चकबंदी कमिश्नर को फोन किया। खुद को कीर्तिवर्धन सिंह को बताया। कमिश्नर से गोंडा जिले में विभाग के 7 अधिकारियों का ट्रांसफर करने को कहा। यह भी कहा कि ये अधिकारी काम नहीं करते हैं भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
उस वक्त चकबंदी कमिश्नर ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। आरोप है कि सतीश ने उसके बाद कई बार कमिश्नर को फोन किए और धौंस जमाई। आखिरकार 6 और 7 सितंबर को कमिश्नर से निर्देश मिलने पर गोंडा जिले के चकबंदी अधिकारी देवेंद्र सिंह ने 7 अधिकारियों-कर्मियों के ट्रांसफर ऑर्डर जारी कर दिए। इनमें एक पेशकार, 2 कानूनगो और 4 लेखपाल शामिल थे।
अब जिन लोगों के ट्रांसफर हुए वे हैरान रह गए। वे पता करने लगे कि आखिर उनका ट्रांसफर क्यों हुआ? तब पता चला कि मंत्री कीर्तिवर्धन के कहने पर ट्रांसफर किया गया है।
इन अधिकारियों का हुआ था ट्रांसफर
पेशकार तेज नारायण श्रीवास्तव: बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी के न्यायालय से कार्यालय।
पेशी कानूनगो अशोक कुमार वर्मा: न्यायालय से कार्यालय।
कानूनगो वीरेंद्र तिवारी: परसपुर से तरबगंज।
लेखपाल सर्वेश शुक्ला: परसपुर से एसीओ नवीन कार्यालय।
लेखपाल प्रभाकर लाल और सर्वानंद: परसपुर से तरबगंज।
लेखपाल पंकज श्रीवास्तव: गोंडा से परसपुर।
भाजपा विधायक ने कीर्तिवर्धन सिंह को किया फोन।
जानकारी के अनुसार, जिन अफसरों-कर्मियों का ट्रांसफर किया गया था, उन्होंने कभी इसके लिए आवेदन नहीं किया था। यह बात तरबगंज से भाजपा विधायक प्रेम नारायण पांडेय को पता चली तो उन्होंने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री को फोन किया। उनसे तबादला करवाने की बात पूछी। तब कीर्तिवर्धन सिंह ने किसी भी तरह की सिफारिश करने से इनकार कर दिया।
विधायक ने बताया कि आपका नाम लेकर के कई अधिकारियों के तबादले कराए गए हैं। यह सुनकर केंद्रीय राज्य मंत्री चौंक उठे और उन्होंने अपने प्रतिनिधि से तत्काल कार्रवाई करवाने के निर्देश दिए।
मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने 8 अक्टूबर को आरोपी सतीश को फोन किया। मंत्री ने खुद को सरकारी कर्मचारी बताया और कहा- मुझे भी अपना ट्रांसफर कराना है। लेकिन, बातों-बातों में आरोपी सतीश मंत्री की आवाज पहचान गया। उसने तुरंत फोन काटकर स्विच ऑफ कर लिया। मंत्री ने टेलीकॉम कंपनी से आरोपी का नाम, पता निकलवाया।
फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद विभाग के अधिकारी हैरान रह गए। चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी देवेंद्र सिंह ने सभी ट्रांसफर आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। उन्होंने सभी अफसरों से कह दिया है कि जो जहां तैनात था, वहीं रहेगा।
देवेंद्र सिंह ने बताया- आयुक्त कार्यालय चकबंदी से ट्रांसफर करने का निर्देश मिला था, जिसके बाद मैंने ट्रांसफर किया गया था। अब फर्जीवाड़ा का पता चला तो आदेश निरस्त कर दिया गया है।
आरोपी सतीश गोंडा जिले में कटरा बाजार के कौड़हा जगदीशपुर मोहम्मदपुर गांव का रहने वाला है। उसके पिता का नाम संतराम है। पुलिस उसकी तलाश में लगी है। अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है कि उसने क्या किसी के कहने पर ट्रांसफर करवाए थे। या किसी से पैसे भी लिए हैं?