Home Education प्राइमरी स्कूल परसागोंडरी ध्वस्त शिक्षक मस्त बच्चे पस्त बैठने का नहीं ठिकाना

प्राइमरी स्कूल परसागोंडरी ध्वस्त शिक्षक मस्त बच्चे पस्त बैठने का नहीं ठिकाना

140
0

बालपुर गोंडा। प्राथमिक विद्यालय परसागोंडरी का काफी बुरा हाल है। 1991 में बने पुराने जर्जर भवन का ध्वस्तीकरण हुए 6 माह बीतने के बावजूद मलबा नहीं हटाया जा सका है। ध्वस्तीकरण से लेकर मलबा हटवाने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान व प्रधानाध्यापक सौंपी गई है। नए भवन के निर्माण को लेकर जुलाई माह में विद्यालय की ओर से प्रस्ताव भेजा जा चुका है। 2010- 12 में यहां बने पांच अतिरिक्त कक्षा कक्ष में चार जर्जर हो चुके हैं इस्तेमाल करने के लायक नहीं हैं। दो अतिरिक्त कक्षा में पूरा स्कूल संचालित हो रहा है।

प्रधानाध्यापक राकेश कुमार तिवारी, सहायक अध्यापक अतुल कुमार तिवारी, आलोक कुमार, अमर सिंह वर्मा कार्यरत हैं। इनमें से सहायक अध्यापिका शालिनी श्रीवास्तव 20 दिन से मेडिकल छुट्टी पर हैं। ऊषा होलकर आज छुट्टी पर हैं। शिक्षामित्र शोभावती मौजूद रहे। दूसरे शिक्षामित्र मंगल प्रसाद छुट्टी पर रहे और सोमवार को नहीं मिले। इस विद्यालय में कुल पंजीकृत छात्र संख्या 185 के सापेक्ष 156 बच्चे मिले उपस्थित मिले। राजकुमारी, बिन्नू देवी, उर्मिला समेत तीन रसोईयों का मानदेय जुलाई से 6 माह का बकाया है। यहां लगे दो इंडिया मार्का हैंड पंप तीन बार रिबोर होने के बावजूद प्रदूषित पानी फेंक रहे हैं इसलिए यहां शुद्ध पेयजल की गंभीर समस्या है। एक कक्षा में 30 छात्र पर एक शिक्षक का मानक होने के चलते छात्र संख्या के अनुसार यहां शिक्षकों की भरमार है लेकिन बच्चों के बैठने के लिए कमरे नहीं है। जूली, रौनक, रिद्धि, सविता, वंश समेत दिव्यांग बच्चे हैं। इनमें से तीन बच्चे विद्यालय आने में असमर्थ इसीलिए उनको उनके घर संविदा शिक्षक शिक्षा देने जाते हैं। इनका पद पूरे ब्लाक में एक है। शौचालय का पानी की व्यवस्था न होने के चलते इस्तेमाल नहीं हो पा रहे हैं। यहां लगा सबमर्सिबल पम्प ठीक है लेकिन केबल चोरी हो जाने से इसका संचालन ठप है।

परसा गोंडरी में 6 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। आंगनबाड़ी केन्द्र प्रथम की कार्यकत्री सरोज ओझा है। सहायिका नमिता देवी है। इस केन्द्र पर 30 बच्चे पंजीकृत होने के बावजूद 10 बच्चे उपस्थित मिले।
अक्टूबर से कोई पोषाहार नहीं मिला। 2003 में बना आंगनबाड़ी भवन जर्जर हो गया है। प्लास्टर टूटकर गिर रहा है। इसमें बना शौचालय बेहद खराब है। कोई सफाईकर्मी की तैनाती नहीं है इससे सफाई व्यवस्था खराब है।जूनियर विद्यालय परसा गोंडरी प्रधानाध्यापिका अनीता सिंह है। 5 नवंबर से करीब 2 माह से सहायक अध्यापिका इन्दिरा द्विवेदी मेडिकल छुट्टी पर हैं। अनुदेशक नीहारिका श्रीवास्तव, सोनू कुमार मौर्या है। यहां कुल पंजीकृत छात्र संख्या 153 के सापेक्ष 132 छात्र मौजूद मिले। 2004 में बना चार कमरे का विद्यालय भवन 20 सालों में अत्यधिक जर्जर हो गया है। अतिरिक्त कक्षा कक्ष एक है। जूनियर में प्रति कक्षा का मानक 35 छात्रों का है। आशा देवी, गुड़िया देवी जनक दुलारी समेत तीन रसोईयों का मानदेय 2000 रुपए जुलाई माह से बकाया है।

प्राथमिक विद्यालय गांधीग्राम परसा गोंडरी के प्रधानाध्यापक बृजेश कुमार चौधरी है। सहायक अध्यापिका कोमल मिश्रा चाइल्ड केयर अवकाश पर एक माह से है। पल्लवी पाण्डेय, सुरेश कुमार तिवारी समेत तीन सहायक अध्यापक हैं। शिक्षामित्र संतोष रानी व ओम प्रकाश तिवारी है। कुल पंजीकृत छात्र संख्या 145 है इसके सापेक्ष सोमवार को 100 छात्र उपस्थित रहे। चारदीवारी न होना यहां की सबसे बड़ी समस्या है। एक गाटा में कई लोगों के हिस्से हैं इसलिए यहां भूमि विवाद है। चारदीवारी न बनना यहां की सबसे बड़ी समस्या है। डेढ़ बीघा बंजर भूमि में विद्यालय का निर्माण कराया गया है। स्थापना के 29 सालों बाद यह भूमि विद्यालय के नाम नहीं कराई जा सकी है।

बंजर भूमि में विद्यालय के साथ अन्य लोगों की भी भूमि करीब इतनी ही है। कई बार पैमाईश के लिए राजस्व के तहसीलदार लेखपाल कानूनगो आ चुके है लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। यदि विद्यालय भूमि नाप कर अलग कर दी जाती है तो अन्य हिस्सेदारों की जमीन नहीं बचती है और यदि अन्य हिस्सेदारों को भूमि दे दी जाती हैं तो विद्यालय की भूमि नहीं बचती है। तीन बार रिबोर होने के बावजूद इकलौता इंडिया मार्का हैंड पंप दूषित पानी दे रहा है। सबमर्सिबल चालू हालत में है।
यहां 6 अतिरिक्त कक्षा कक्ष बने हुए हैं इनमें 2 जर्जर है। 29 सालों से बिना मूल भवन के अतिरिक्त कक्षा कक्षों में यह विद्यालय 1996 से संचालित हो रहा है। ग्रामसभा की राजनीति के चलते राज्यपाल के नाम घिवपुरवा गांव में एक बीघा भूमि विद्यालय के नाम बैनामा होने के बावजूद वहां भवन निर्माण न कराकर दूसरी भूमि पर निर्माण करा दिया गया। 29 सालों में इस विद्यालय को अपना भवन तक नसीब नहीं हो पाया है। सफाई कर्मी की तैनाती न होने के चलते सभी विद्यालयों की शौचालय से परिसर तक की सफाई व्यवस्था चौपट होकर रह गई है। खण्ड शिक्षा अधिकारी श्रवण कुमार तिवारी ने बताया कि जर्जर भवन गिराकर मलबा हटवाने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की है। भूमि विवाद होने के चलते गांधी ग्राम विद्यालय की चारदीवारी नहीं बन पा रही है। इसका मूल न होने के मामले को वह देखवा रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here