अयोध्या। का. सु. साकेत के गणित विभाग द्वारा पांच दिवसीय अंतराष्ट्रीय कार्यशाला शीर्षक “नुमैरकल मेथडस इन ओ.डी.ई./पी. डी. ई.” का शुभारम्भ दिनांक 18 मार्च 2024 को किया गया। इसके संयोजक प्रो. एसके तिवारी, डॉ राज कुमार गुप्ता, डॉ सूरज प्रसाद, डॉ प्रशांत पाण्डेय एवं सहसंयोजक डॉ बद्री विशाल सिंह, डॉ वेद मणि, डॉ अजीत कुमार वर्मा एवं डॉ कोमल गुप्ता रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम सरस्वती वंदना एवं कुलगीत से हुआ | कार्यक्रम के संयोजक प्रो. एसके तिवारी ने आये हुए अतिथियों का परिचय दिया तथा कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया | आये हुए अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह द्वारा किया गया |
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ राम मनोहर लोहिया के कुलसचिव अंजनी कुमार मिश्र ने अपने उद्बोधन मे गणित जैसे दुरूह विषय के उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए गणित विभाग के इस कार्य की प्रशंसा की | कार्यक्रम के संरक्षक दीप कृष्ण वर्मा ने गणित के दैनिक उपयोगिता के बारे में बताते हुए कार्यक्रम की प्रशंसा किया | महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अभय कुमार सिंह ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए बताया की ऐसे कार्यक्रम विभाग एवं कॉलेज मे होने से छात्र /छात्राओं को बहुत कुछ सीखने को मिलता है, प्राचार्य ने कार्यक्रम की सफलता हेतु शुभकामनायें दी | यूगांडा के कम्पाला विश्वविद्यालय मे गणित विभाग के प्रोफेसर के. सरवानन ने अपने होने वाले व्याख्यान के बारे मे अवगत कराया |
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान के प्रोफेसर जे. पी. त्रिपाठी ने सिस्टम ऑफ़ डिफरेंशियल इक्वशन शीर्षक पर व्याख्यान दिया |गणपत सहाय पी जी कॉलेज के प्रोफेसर जे. एन. मिश्रा ने सुपरवाइज्ड मशीन लर्निंग यूजिंग रैंडम फारेस्ट एंड एक्स जी बूस्ट अलगोरिथम पर व्याख्यान दिया | आये हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डॉ सूरज प्रसाद ने दिया, जबकि कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रशांत पाण्डेय ने किया |
अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन के प्रथम सत्र के शुरुआती व्याख्यान मे डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के मुख्य नियंता एवं गणित विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संत शरण मिश्रा द्वारा “क्विंग थ्योरी एवं आर्टिफिशल इंटेलीजेंस “पर प्रकाश डाला गया | दूसरा व्याख्यान इटली के प्रोफेसर जिन्नारो इंफाटी द्वारा “बिरखौफ, केलौग” के कुछ महत्वपूर्ण परिणामों पर दिया गया |द्वितीय सत्र के सुरुवाती व्याख्यान मे आई आई टी मद्रास के प्रोफेसर एस. सुन्दर ने “शॉक वेव, लीस्ट स्क्वायर मेथड” का उपयोग शैलो वाटर इक्वशन को हल करने के लिए बताया | दूसरे दिन के अंतिम व्याख्यान मे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कृष्णनिंदु भट्टाचार्य ने “बाउंड्री लेयर फ्लो के मूलभूत सिद्धांत “के साथ साथ उसकी महत्ता के बारे मे अवगत कराया |
अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला के तीसरे दिन के प्रथम सत्र के शुरुआती व्याख्यान मे प्रोफेसर के. सरवनन द्वारा “नुमैरकल अप्रोक्सीमेशन “पर प्रकाश डाला गया | दूसरा व्याख्यान दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ शुभम जायसवाल के द्वारा “ग्राउंड वाटर कॉन्टैमेनेशन ” के कुछ महत्वपूर्ण परिणामों पर दिया गया |द्वितीय सत्र के शुरुवाती व्याख्यान मे आई आई आई टी कुन्नूर के डॉ कुशल धर द्विवेदी ने “मशीन लर्निंग व कंप्यूटेशनल इंटेलीजेंस ” पर प्रकाश डाला | तीसरे दिन के अंतिम व्याख्यान तुर्की के अली अकबुल ने “फ्राक्टेल न्यूटन मेथड ऑर फ्राक्टेल कैलकुलस ” के बारे मे अवगत कराया |
अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला के चौथे दिन के प्रथम सत्र के शुरुआती दो व्याख्यान प्रोफेसर एल. पी. सिंह आई. आई. टी. (बी. एच. यू., वाराणसी ) द्वारा “नुमैरकल सलूशन ऑफ़ पार्शियल डिफरेंयल इक्वशन एंड इट्स डाइमेंशन्स “पर प्रकाश डाला गया |द्वितीय सत्र के शुरुवाती व्याख्यान मे डॉ. वंदना त्रिपाठी ने “मैथमेटिकल मॉडलिंग ऑफ़ प्रेडिटर प्रे मॉडल ” पर प्रकाश डाला | चौथे दिन के अंतिम व्याख्यान डॉ जे. पी. त्रिपाठी ने “वेरियस नुमैरकल मेथडस ” के बारे मे अवगत कराया |
अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला के पांचवे एवं अंतिम दिन के प्रथम सत्र के शुरुआती दो व्याख्यान प्रोफेसर विष्णु नारायण मिश्रा आई. जी. एन. टी. यू. अमरकंटक द्वारा “फोरियर मेथडस के अनुप्रयोग “पर प्रकाश डाला गया |द्वितीय व्याख्यान डॉ सुजीत सिंह ने “रोल ऑफ़ ओ. डी. ई. /पी. डी. ई. इन ऑप्टिमइजेशन ” पर प्रकाश डाला |
समापन समारोह की शुरुवात सर्वप्रथम सरस्वती वंदना एवं महाविद्यालय कुलगीत से किया गया | तत्पश्चात आये हुए अतिथियों का परिचय एवं स्वागत कराया गया | इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया एवं प्रतिभागियों से कार्यशाला के सन्दर्भ में उनका अनुभव जाना गया | गणित विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एस. के. तिवारी ने अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी | महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अभय कुमार सिंह ने कहा की गणित दैनिक जीवन में हर जगह विद्यमान है, तथा आयोजन के कुशल पूर्वक संपन्न होने पर ख़ुशी व्यक्त किया |
मुख्य अतिथि एवं भूतपूर्व विभागाध्यक्ष भौतिकी, डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एल. के. सिंह ने कार्यक्रम की प्रसन्नता करते हुए कहा की किसी भी व्यक्ति अथवा संस्थान के विकास के लिए तीन चीजे, एक्टिविटी, ग्रेविटी एवं क्रिएटिविटी महत्वपूर्ण होती है | इसके साथ उन्होंने भारतीय गणितज्ञ रामानुजन के कुछ रोचक नंबर पर चर्चा किया | महाविद्यालय में प्रबंध तंत्र के सचिव एवं कार्यशाला के संरक्षक श्री आंनद सिंघल ने कार्यक्रम की प्रसन्नता करते हुए कहा की ऐसे आयोजन भविष्य में कभी भी होते है तो प्रबंधतंत्र का पूरा सहयोग रहेगा | महाविधालय के प्रबंधतंत्र के अध्यक्ष एवं कार्यशाला के मुख्य संरक्षक दीप कृष्ण वर्मा ने गणित की सार्थकता को रामचरित मानस के एक प्रसंग से जोड़कर बताया तथा अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला के सकुशल संपन्न होने पर अपनी शुभकामनायें दी | इसके साथ ही मुख्य संरक्षक जी कार्यक्रम की समापन की उदघोषणा किया | कार्यक्रम में गणित विभाग के डॉ सूरज प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन दिया एवं आये हुए अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान से किया गया |
कार्यक्रम का संचालन गणित विभाग के डॉ वेद मणि द्वारा किया गया |कार्यक्रम में कॉलेज के प्रो. वाई. पी त्रिपाठी, प्रो. डी. एन. सिंह, प्रो. प्रणय त्रिपाठी,प्रो. मिर्ज़ा साहाब शाह,प्रो. ए. के. राय, प्रो. ए. के. मिश्रा,प्रो. परेश पाण्डेय,प्रो. आशुतोष सिंह,प्रो. ओ. पी. यादव,प्रो.आशीष प्रताप सिंह,प्रो. अरविन्द शर्मा,प्रो. आशुतोष त्रिपाठी, डॉ. रमेश प्रताप सिंह, डॉ असीम त्रिपाठी,डॉ अविनाश तिवारी,डॉ. अवधेश शुक्ला,डॉ. अनूप पाण्डेय,डॉ विपिन सिंह,डॉ. राजेश वर्मा,डॉ रीमा सोनकर, डॉ रीता सिंह, डॉ मृणालिनी, डॉ जन्मेजय तिवारी, डॉ. बृजेश सिंह, डॉ अलोक सिंह, डॉ रजत तिवारी, डॉ सोनू, डॉ धीरज कुमार, डॉ संतोष, डॉ संदीप वर्मा के साथ भारी संख्या मे शिक्षक एवं शिक्षिकाएं तथा शोध छात्र /छात्राएं उपस्थित रहे |इसके साथ विभिन्न देशो के अनेकों प्रोफेसर ऑनलाइन माध्यम से कार्यशाला मे प्रतिभाग किया |