गोंडा10 जून – देशभर में चल रहे “विकसित कृषि संकल्प अभियान”* के अंतर्गत **गोंडा जनपद** में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस आयोजन में कृषि क्षेत्र से जुड़े प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक कृषि तकनीकों से जोड़ना, उत्पादन को बढ़ाना तथा सतत और लाभकारी खेती को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम में डॉ. सुधांशु (वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, गोंडा)** ने *जैविक उर्वरक उत्पादन* एवं *एक ही खेत में विविध फसल योजना* की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने *कृषक उत्पादन संगठनों (FPOs)* की भूमिका पर भी प्रकाश डालते हुए किसानों को लागत में कमी और मुनाफा बढ़ाने के सुझाव दिए।
डॉ. हरिपाल (वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, गोंडा) ने धान की खेती में आने वाली समस्याओं* और उनके समाधान प्रस्तुत किए। साथ ही उन्होंने *ड्रिप सिंचाई प्रणाली*, *उन्नत खेती तकनीक*, तथा *लकड़ी प्रेस के माध्यम से घरेलू तेल उत्पादन* की विधियों पर भी चर्चा की, जिससे किसानों की आय में वृद्धि संभव हो सके।
डॉ. रंजन सिंह (राष्ट्रीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, लखनऊ) ने *मछली पालन* में हो रहे नवाचारों और संभावनाओं को रेखांकित करते हुए किसानों को इसे एक *वैकल्पिक आय स्रोत* के रूप में अपनाने का सुझाव दिया।
डॉ. अनुतोष (राष्ट्रीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, लखनऊ)** ने मछली पालन के साथ-साथ *महुआ जैसे औषधीय व आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण वृक्षों* की उपयोगिता पर भी जानकारी दी।
डॉ. टी. के. श्रीवास्तव (गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ)** ने *गन्ने की नवीन किस्मों*, *भूमि की उर्वरता बढ़ाने* और *जैविक खेती तकनीकों* के प्रयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने पर्यावरण अनुकूल खेती के प्रति किसानों को जागरूक किया।
कमलजीत सिंह (कृषि विकास अधिकारी – ADO Ag)** ने *कृषि योजनाओं के निर्माण* और *नवाचारों के ग्राम स्तर तक विस्तार* में अपनी अहम भूमिका निभाई।
इस कार्यक्रम का सफल संचालन ग्राम प्रधान धीरेन्द्र कुमार तिवारी*(प्रधान बमडेरा) द्वारा किया गया। विशेष बात यह रही कि कार्यक्रम में **312, कृषकों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी** निभाई। यह अभियान न केवल किसानों को उन्नत तकनीकी जानकारी से लैस कर रहा है, बल्कि उन्हें *आत्मनिर्भरता की ओर* प्रेरित करने में भी एक अहम कड़ी बन रहा है।