Home Protest बुधवार को बारहवें दिन भी जिले के अधिवक्ता रहे कलमबंद हड़ताल पर

बुधवार को बारहवें दिन भी जिले के अधिवक्ता रहे कलमबंद हड़ताल पर

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गोण्डा। जिले में जिला बार एसोसिएशन के तत्वावधान मे रामबुझारत दूबे के अगुवाई तथा संजय सिंह महामंत्री के नेतृत्व मे सभी अधिवक्तागण ग्यारह दिनो से विधि मंत्रालय द्वारा निर्मित एडवोकेट्स अमेन्डमेंन्ट बिल 2025 के विरोध मे कलमबंद हड़ताल पर हैं।बुधवार की हड़ताल मे सिर्फ जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष व मंत्री के अगुवाई मे हुई जिसमे लगभग दो हजार अधिवक्ताओं ने हाथ मे तख्ती व बैनर लेकर उक्त काले कानून के विरूद्ध लामबंद होकर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए ज कार्यालय कलेक्ट्रेट परिसर मे एकत्रित होकर जुलूस के रूप मे कलेक्ट्रेट परिसर से होते हुए सिविल परिसर जनपद सत्र न्यायाधीश के न्यायालय से होते हुए न्यायालय परिसर मे आक्रोशित अधिवक्ताओ ने गेट नम्बर दो के नजदीक एक जनसभा का आयोजन किया।

इसमें मुख्य वक्ता डीपी ओझा, इन्द्रमणि शुक्ल, कृष्ण कुमार पांडेय पूर्व अध्यक्ष, अजय कुमार तिवारी, महाराज श्रीवास्तव,पूर्व अध्यक्षों ने अपने उद्भाषण मे भारत सरकार द्वारा लाये गये एडवोकेट्स अमेन्डमेंन्ट मे अमेन्डमेंन्ट को दुर्भाग्यपूर्ण बताया तथा केंद्र व राज्य सरकारों को इसके लिये जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें गम्भीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा तथा जनसभा को संबोधित के उपरांत तत्काल एक आम सभा की बैठक की गयी। बैठक के दौरान सिविल बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा जारी लेटर की भर्त्सना करते हुए उनकी घोर निन्दा की गयी, उसमे सम्मिलित अधिवक्ताओं और सम्बन्धित पदाधिकारियो के विरुद्ध जिला बार एसोसिएशन कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए एक बैठक की जाये। साथ ही साथ वहां उपस्थित सभी अधिवक्ताओ ने विधि मंत्री भारत सरकार के मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति को पढ़ा तथा उसमे कही गयी बातो से सभी अधिवक्ताओ को और आक्रोशित करने का कार्य किया है।

सदन मे उपस्थित अधिवक्ताओ ने उसमे अभी इसके लिये बड़ी लड़ाई लड़ने को तैयार रहने को कहा। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने कहा कि सरकार की हम अधिवक्ताओं को गुलाम बनाने वाली सोंच तथा कुत्सित मानसिकता को हम लोग सफल नही होने देंगे। बुधवार के विरोध प्रदर्शन व आन्दोलन को सभा मे उपस्थित पूर्व अध्यक्षो सहित बार एशोसियेशन के पूर्व अधिकारियो ने अपने ओजस्वपूर्ण भाषणो से सम्बोधित किया। इसमें दीनानाथ त्रिपाठी, बिंदेश्वरी दुबे, संगम लाल दुबे, संगम लाल सिंह, मनोज कुमार सिंह पूर्व मंत्री, अरविन्द कुमार पांडेय पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष, संतोष ओझा, सच्चिदानंद मिश्र, अशोक तिवारी, सतीश सिंह, जितेंद्र यादव, अजय कुमार, राघवेंद्र सिंह, पंकज सिंह, अमर चन्द, जयदिनेश शुक्ल, भगौती मिश्र, दुर्गेश विश्वकर्मा,अनिकेत मिश्र, आलोक पांडेय, रितेश मिश्र, विशाल सिंह, मनोज वर्मा, गौरी शंकर , रितेश यादव, प्रमोद कुमार चौबे, संयुक्त मंत्री राजकुमार द्विवेदी संयुक्त मंत्री, ओमप्रकाश , राजेश द्विवेदी, श्याम बाबा, नन्द गोपाल शुक्ल ,चारु चंद मिश्रा ,अरविंद तिवारी, अंकित तिवारी, राजेश मिश्रा, आलोक तिवारी, संतोष श्रीवास्तव, सुशील श्रीवास्तव,धर्मेश श्रीवास्तव, मोहम्मद अरबी, समीम अतहर, महेश सिंह, दिनेश कुमार पांडे, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, प्रमोद, बाबा ओंकार, विश्वनाथ गिरी समेत हजारों अधिवक्ता मौजूद रहे। अधिवक्ताओं ने केंद्र सरकार के उक्त विधयक का घोर विरोध करते हुए यह घोषणा की कि जब तक केंद्र सरकार उक्त कानून को वापस नहीं लेगी तब तक हम अधिवक्ताओं का यह धरना प्रदर्शन आक्रोश स्वरूप चलता रहेगा।

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