बालपुर गोंडा। रिपोर्टिंग चौकी बालपुर को 65 गावों का थाना बनाने की फाइल 24 सालों से शासन में धूल फांक रही है। सभी सरकारों में बार बार रिवाइज प्रस्ताव लेने के बावजूद इस पर अब तक कोई अमल में नहीं लाया जा सका है।
रिपोर्टिंग पुलिस चौकी बालपुर लखनऊ हाइवे पर थाना कोतवाली करनैलगंज से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गोंडा लखनऊ हाइवे पर पड़ने वाला बालपुर कस्बा हलधरमऊ, कटरा बाजार, झंझरी व परसपुर समेत चार ब्लाक और थाना कोतवाली करनैलगंज, थाना कोतवाली देहात, थाना कोतवाली नगर, थाना परसपुर, थाना कटरा बाजार समेत पांच थानों की सीमा पर स्थित है। यहां से करनैलगंज नगर 15 किलोमीटर, गोंडा जिला मुख्यालय, कटरा बाजार, परसपुर नगर 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। करीब 24 साल पहले मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के कार्यकाल में पहली बार रिपोर्टिंग पुलिस चौकी बालपुर को 65 गावों का थाना बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया।
बालपुर चौकी क्षेत्र के ख़रथरी, भटनाइया, भोंका, पतिसा, चकसेनिया, सोनहरा, हड़ियागाड़ा,हरसिंहपुर, बालपुर हजारी, बटौरा बख्तावर सिंह, गुरसड़ा, बटौरा लोहांगी, गद्दोपुर, चौरी, परसागोंडरी, नकहा बसन्त, नकहा बसन्त व रेरूवा समेत करीब 18 ग्रामपंचायतों के सैकड़ों मजरे शामिल हैं। इन सभी ग्रामपंचायतों के ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की समस्या होने पर 15 किलोमीटर दूर करनैलगंज का बार बार चक्कर लगाना पड़ता है। आम जनता की इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखकर तत्कालीन प्रशासन ने बालपुर पुलिस चौकी को नया थाना बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा।
तत्कालीन उपजिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार सिंह की टीम ने थाना कोतवाली करनैलगंज के करीब आधा दर्जन और गावों को, कटरा बाजार थाना क्षेत्र के हलधरमऊ, मैज़ापुर, वमडेरा, सर्वांगपुर, भैरमपुर, बरूई गोंदहा, नकही, खानपुर, छिटनापुर, थाना कोतवाली देहात के दो दर्जन से अधिक गांव कैथोला, भुलभुलिया, गोगिया, सालपुर धोताल, डोमाकल्पी, डोमा आह्लाद, धानी गांव, धनखर, ठटिया मटेहिया, ठुकरापुर, दुरगोड़वा, सरैया चौबे, तुलसीपुर, सुभागपुर, सुसुंडा, ज्ञानपुर, परसीगोंडा तथा थाना परसपुर क्षेत्र के आधा दर्जन गावों को शामिल करके नए थाने बालपुर क्षेत्र का परिसीमन करके 65 गावों का थाना बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा। इसके बाद से ही इसकी फाइल शासन में जाकर कहां पड़ी है क्षेत्र का कोई जनप्रतिनिधि इसकी खोजखबर लेने वाला नहीं है। करनैलगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक श्रीधर पाठक को कई बार काल करने के बावजूद उनका फोन नंबर नहीं उठा इसलिए उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया।