बालपुर गोंडा। गौरवा खुर्द सामुदायिक शौचालय का निर्माण पांच सालों से आधा अधूरा पड़ा हुआ है। इसमें ग्रामीण अपने पालतू जानवर गाय व बकरी बांध रहे हैं। ज्यादातर शौचालय बन्द होने के बावजूद 9 हजार रुपए प्रतिमाह का भुगतान केयर टेकर को किया जा रहा है। इस तरह से इस मद में आए धन के बंदरबांट किए जाने की संभावना ग्रामीणों की ओर से जताई जा रही है।
हलधरमऊ विकास क्षेत्र की ग्राम पंचायत गौरवा खुर्द का सामुदायिक शौचालय का निर्माण पांच सालों से आधा अधूरा है। ग्रामीणों के मुताबिक इसमें ग्रामीण पशुओं को बांध रहे हैं। इस तरह से यह शौचालय पशुओं का तबेला बनकर रह गया है। इसी तरह से खानपुर ग्राम पंचायत का शौचालय खस्ताहाल हालत में है। सफाई कर्मी की भारी लापरवाही से यहां की सफाई व्यवस्था ध्वस्त होकर रह गई है। हलधरमऊ विकास क्षेत्र में कुल 68 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें बने सामुदायिक शौचालय ज्यादातर तालाबंदी का शिकार होकर रह गए हैं। खण्ड प्रेरक करुणा निधान तिवारी व दिवाकर अवस्थी समेत 2 लोग हलधरमऊ में कार्यरत हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत इनकी तैनाती की गई है। व्यक्तिगत शौचालय सत्यापन सूची बनाना भुगतान कराना ओडीएफ से सम्बंधित कार्य की जिम्मेदारी इनकी होती है।
सभी सामुदायिक शौचालयों के केयरटेकर को 6000 रूपये महीना मानदेय व 3000 रुपए महीना शौचालय मेंटिनेंस का मिलता है। इसके बावजूद ज्यादातर शौचालयों की माली हालत बहुत खराब है। कुछ को छोड़ दिया जाय तो ज्यादातर शौचालय तालाबंदी का शिकार है। इसके बावजूद प्रत्येक महीने 9000 रुपए निकालकर बन्दरबांट किया जा रहा है। गौरवा खुर्द का सामुदायिक शौचालय पिछले पांच सालों से निर्माणाधीन है। यहां दिवालों का निर्माण करने के बाद रंगाई पोताई करा दी गई है। बाहर से सब चमक रहा है इसके अन्दर कोई काम नहीं कराया गया।जबकि देश भर में स्वच्छता अभियान चल रहा है। इसी के तहत स्वच्छता बनाए रखने के लिए गावों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया गया।
इस तरह से यह योजना अपने उद्देश्यों से भटककर पटरी से उतर गई लगती है। ग्राम पंचायत सचिव विवेकानंद का कहना है कि इस शौचालय का निर्माण करीब 5 सालों से आधा अधूरा है। यह उनके समय का नहीं है इसके लिए उनके पहले के कर्मचारी जिम्मेदार है। सहायक विकास अधिकारी पंचायत राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि शौचालयों का निरीक्षण कर उनकी दशा सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।