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पहाड़ापुर गौशाला में भारी अव्यवस्था खुले आसमान में कांपते ठिठुरते पशु भगवान भरोसे

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बालपुर गोंडा। पहाड़ापुर गौशाला भारी अव्यवस्था का शिकार होकर रह गई है। भीषण ठंडक से पशुओं के बचाव को लेकर इंतजाम करने का सरकारी दावा धरातल पर हवा हवाई साबित हो रहा है। बुधवार को दोपहर में यहां पशु खुले आसमान के नीचे ठंडक से कांपते व ठिठुरते हुए पाए गए l

हलधरमऊ विकास क्षेत्र की पहाड़ापुर गौशाला में बुधवार को भारी अव्यवस्था व्याप्त हुई पाई गई। शेड को तिरपाल से चारों ओर ढकने, गोवंश हेतु स्वच्छ पेयजल, गोवंश व गोवत्स हेतु काऊकोट की व्यवस्था, सुरक्षित अलाव जलाने की व्यवस्था, हरे चारे व भूसे की व्यवस्था, फर्श पर बिछावन की व्यवस्था समेत 6 प्रकार की व्यवस्था प्रत्येक गौशाला में कराए जाने का दावा सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा जोरशोर से किया जा रहा है। जबकि धरातल पर इसके ठीक उल्टा दिखाई पड़ रहा है। मौके पर पहाड़ापुर गौशाला की दुर्दशा देखने पर पता चला कि यह सभी दावे हवा हवाई किए जा रहे हैं। पशुओं के देखरेख में इतनी ज्यादा लापरवाही बरती गई है कि सभी पशु बहुत ज्यादा दुबले पतले हो गए हैं और उनकी सभी हड्डियां बाहर से दिखाई पड़ रही हैं उन्हें आसानी से गिना जा सकता है।

पहाड़ापुर गौशाला में बुधवार दोपहर में पहुंचने पर सैकड़ों पशु खुले आसमान में ठंडक से कांपते व ठिठुरते हुए पाए गए। चारे के नाम पर सूखा भूसा व पैरा का ढेर लगा हुआ मिला लेकिन हरा चारा ढूंढने पर भी नहीं मिला। शेड के चारों ओर कोई तिरपाल लगा हुआ नहीं दिखाई पड़ा। काऊ कोट व अलाव जलाने की व्यवस्था दूर दूर तक कहीं नहीं दिखाई पड़ी। पशुओं को ठंडक से बचाव हेतु कोई बिछावन नहीं नजर आया। यहां की व्यवस्था देखने पर यही लगा कि शायद ही यहां के पशुओं ताजा पानी मिलता हो। पशुओं की दुर्दशा देखकर यही लगा कि विभाग की ओर से यह सभी पशु भगवान भरोसे छोड़ दिए गए हैं। यहां कोई चारदीवारी नहीं है। बड़ी खाई खोदकर व झटका मशीन के सहारे पशुओं को रोका गया है। इतने ज्यादा पशुओं को रहने के लिए यहां एक टीन शेड व एक चरनी बनी हुई है।

भीषण ठंडक का दौर इस समय चलने के बावजूद पशुओं को ठंडक से बचाव को लेकर कोई व्यवस्था न किया जाना बहुत बड़ी लापरवाही बरतने का मामला सामने आया। जबकि गौशाला के मामले में जिले से लेकर ब्लाक तक के अधिकारी शासन को आल इज वेल की रिपोर्ट भेजकर अपनी पीठ थपथपाने में मस्त हैं। हलधरमऊ विकास क्षेत्र में पहाड़ापुर के अलावा मैजापुर, भुलभुलिया, पतिसा, सेल्हरी समेत कुल 5 गौशालाएं संचालित की जा रही हैं। ग्रामीणों के मुताबिक कमोवेश सभी गौशालाओं का यही हाल है। विभागीय अधिकारी कर्मचारी इस मामले में भारी उदासीनता बरत रहे हैं।

भीषण ठंडक में इतनी बड़ी लापरवाही से पशुओं की जान को लेकर खतरा बढ़ जाता है। पहाड़ापुर गौशाला के करीब 206 पशुओं की देखभाल करने को लेकर अनन्त राम, राज कुमार व राजेश कुमार पाण्डेय समेत तीन लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पहाड़ापुर ग्रामपंचायत सचिव विवेकानंद ने बताया कि पशुओं के ठंडक बचाव को लेकर ग्राम प्रधान से सभी इंतजाम करने के लिए कहा गया है। सहायक खण्ड विकास अधिकारी राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि ठंडक से बचाव को लेकर सभी गौशालाओं में पर्याप्त इंतजाम कराए गए हैं। यदि इसमें कोई कमी की शिकायत मिलती है तो सम्बंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

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