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डीएम के हस्तक्षेप से गतिरोध समाप्त रूपईडीह विकास क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त

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गोंडा। जिले के रूपईडीह विकासखण्ड में छह वर्षों से रुके पड़े विकास कार्यों को गति देने का रास्ता साफ हो गया है। ब्लॉक कार्यालय के निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी (डीएम) नेहा शर्मा के हस्तक्षेप से क्षेत्र में रुके हुए विकास कार्यों को शुरू करने की प्रक्रिया आगे बढ़ी है। विकास कार्यों के लिए टेंडर और भुगतान की प्रक्रियाएं भी तेज़ी से शुरू करने पर सहमति बनी है, जिससे ग्रामीणों में विकास को लेकर आशा की किरण जगी है।

10 सितम्बर को डीएम नेहा शर्मा ने रूपईडीह ब्लॉक कार्यालय का निरीक्षण किया, जहाँ यह तथ्य सामने आया कि विकास कार्यों के लिए पर्याप्त धनराशि होने के बावजूद छह वर्षों से कोई प्रगति नहीं हुई थी। स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के कारण विकास कार्यों में ठहराव बना रहा, जो क्षेत्र के लोगों के लिए निराशाजनक था। इस स्थिति को देखते हुए डीएम ने खण्ड विकास अधिकारी (बीडीओ) अभय कुमार सिंह को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द रुके हुए कार्यों को पूरा किया जाए और इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

*डीएम के हस्तक्षेप के बाद स्थिति में बदलाव*

डीएम के निर्देशों के बाद क्षेत्र में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। खण्ड विकास अधिकारी अभय कुमार सिंह ने बताया कि अब नाली निर्माण, खण्डंजा निर्माण, आरसीसी सड़क निर्माण और स्कूलों के कायाकल्प जैसे कार्य प्राथमिकता से किए जाएंगे। प्रशासनिक अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित किया जा रहा है ताकि कार्यों में और देरी न हो।इस पहल के बाद ग्रामीणों में कुछ सकारात्मक उम्मीदें जगी हैं। लंबे समय से बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे रूपईडीह के लोग अब नयी सड़कों, साफ-सफाई वाली नालियों और बेहतर स्कूल सुविधाओं की आस लगाए हुए हैं। ग्रामीण राम सिंह ने बताया, “छह साल से रुके कामों के कारण हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। अब हमें उम्मीद है कि हालात सुधरेंगे और गाँव में सुविधाएँ बढ़ेंगी।

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