बालपुर गोंडा। जिलाधिकारी के निरीक्षण कार्यक्रम को लेकर हलधरमऊ ब्लाक पर तैयारियां जोर पकड़े हुए हैं। करीब 64 साल बाद पुराने हलधरमऊ ब्लाक भवन में स्टील की फ्रेमिंग करके फाइबर सीट लगवाकर सजाया संवारा जा रहा है। ब्लाक भवन के अन्दर रंग रोगन किया जा चुका है। ब्लाक के सामने के पार्क की घासें छिलवाकर सफाई कराई जा रही है।
जानकर बताते हैं कि हलधरमऊ विकास खण्ड की स्थापना करीब सन 1960 में की गई। उसी समय विकास खण्ड मुख्यालय के भवन का निर्माण कराया गया। उसी समय से इस भवन में हलधरमऊ ब्लाक मुख्यालय संचालित किया जा रहा है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा के आगामी 18 अक्टूबर के निरीक्षण कार्यक्रम को मद्देनजर स्टील फ्रेमिंग करके फाइबर सीट लगवाकर सजाने संवारने का काम चल रहा है। स्टील फ्रेमिंग फाइबर सीट व कांच की खिड़कियां लगनी शुरू हो गई है। इस तरह से पुरानी दीवाल उसके नीचे ढक दी जायेगी और ब्लाक भवन बाहर से निखरा हुआ नया नवेला लगने लगेगा। करीब तीन दशक में ऐसा पहली बार हो रहा है जब हलधरमऊ ब्लाक भवन को इस तरह सजाया संवारा जा रहा है। ब्लाक भवन के आंतरिक भाग की रंगाई की जा चुकी है। ब्लाक भवन के सामने के पार्क में लगी बड़ी घास को काटकर साफ किया जा रहा है। सबसे पहले ब्लाक परिसर की खराब सीमेंटेड सड़क को तोड़ फोड़कर नया बना दिया गया है। इस तरह से पूरे ब्लाक की कायाकल्प करने की तैयारी चल रही है।
ब्लाक परिसर में खण्ड विकास अधिकारी, सहायक खण्ड विकास अधिकारी, लेखाकार, लिपिकों समेत करीब दर्जनभर पुराने भवन अत्यधिक जर्जर होकर खस्ताहाल हो चुके हैं। बीडीओ भवन की पानी की टंकी टूटकर भूमि पर पड़ी हुई है। बीडीओ आवास में बड़ी बड़ी घासें उगी हुई है और सफाई व्यवस्था चौपट है। बड़ी बड़ी घासों के बीच जहरीले कीड़े मकोड़े विचरण करते रहना आम बात होती जा रही हैं। इसी के पास महिलाओं के लिए बना इज्जतघर अभूतपूर्व तालाबंदी का शिकार है। इसकी हालत देखने से लगता है कि यह निर्माण के समय से ही बन्द है और इसका कोई इस्तेमाल नहीं किया गया है।स्वच्छता अभियान चलाए जाने के बाबजूद ब्लाक मुख्यालय पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या आने वाले ग्रामीणों के लिए कोई सामुदायिक शौचालय नहीं है। ब्लाक भवन के पीछे एक पुराना शौचालय बना हुआ है लेकिन वह इस्तेमाल करने लायक नहीं है क्योंकि इसमें पानी की कोई व्यवस्था नहीं है और इसमें गन्दगी की भरमार है।
ब्लाक की चारदीवारी पीछे की ओर कई जगह पर