गोण्डा, 13 मई 2025 । जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने मंगलवार को जिले के समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, एवं चकबंदी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए स्पष्ट किया कि राजस्व एवं चकबंदी से संबंधित लंबित प्रकरणों का निस्तारण अब मिशन मोड पर किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि अविवादित वरासत के मामलों का निस्तारण अधिकतम 15 कार्य दिवसों में किया जाए, वहीं धारा 24 (पैमाइश), धारा 80 (आकृषिक उपयोग) और धारा 116 (बंटवारा) के मामलों में लंबित प्रकरणों को शीघ्र निपटाया जाए।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी राजस्व वाद केवल ऑनलाइन दर्ज किए जाएं तथा ऑफलाइन व्यवस्था पूर्णतः बंद की जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऑनलाइन वादों के निस्तारण में समयबद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित होनी चाहिए।
नेहा शर्मा ने विशेष रूप से कहा कि मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना कल्याण योजना के तहत लंबित सभी प्रकरणों का निस्तारण आगामी 10 कार्य दिवसों में किया जाए। साथ ही, भविष्य में मृत्यु के प्रत्येक प्रकरण का तय समय सीमा में निस्तारण अनिवार्य किया जाए।
जिलाधिकारी ने अपने निर्देशों में शहरी भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण, आधार सीडिंग, किसान रजिस्ट्री, रियल टाइम खतौनी तथा खसरा-पड़ताल जैसे कार्यों को भी सर्वोच्च प्राथमिकता पर पूर्ण करने को कहा है।
चकबंदी प्रक्रिया में देरी पर नाराजगी जताते हुए श्रीमती नेहा शर्मा ने कहा कि इसमें तकनीक का प्रयोग कर पारदर्शिता लाई जाए और समय की बचत हो। इसके अतिरिक्त, उन्होंने लैण्ड रिकॉर्ड्स के गायब होने की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।
*मुख्य बातें:*
अविवादित वरासत का निस्तारण 15 दिन में अनिवार्य।
राजस्व वादों का केवल ऑनलाइन पंजीकरण।
किसान दुर्घटना योजना के सभी लंबित प्रकरण 10 कार्य दिवस में निपटाएं।
चकबंदी प्रक्रिया में तकनीकी पारदर्शिता सुनिश्चित करें।
शहरी भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण शीर्ष प्राथमिकता पर।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि इन सभी निर्देशों का पालन यदि तय समय में नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। यह पहल मुख्यमंत्री कार्यालय की मंशा के अनुरूप जिले में सुलभ, पारदर्शी और प्रभावी प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।