गोंडा। जिले के आयुर्वेदिक चिकित्सालय डाक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों के भारी अभाव से जूझ रहे हैं। इसी बीच अक्टूबर से मार्च तक तीन फार्मासिस्टों के रिटायर होने से कई आयुर्वेदिक अस्पताल बन्दी की कगार पर पहुंच जायेंगे। विभाग में निर्धारित पदों के सापेक्ष न तो डॉक्टर ही है और न फार्मासिस्ट तैनात है। इससे आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने के कगार पर पहुंच गई हैं।
जिले में कुल 39 आयुर्वेदिक चिकित्सालय संचालित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त 3 यूनानी अस्पताल भी संचालित है। सबसे बड़ा 25 बेड का आयुर्वेदिक अस्पताल मनकापुर में संचालित किया जा रहा है। जिले में 4 बेड के 30 आयुर्वेदिक अस्पताल हैं। इसके अतिरिक्त 8 आयुर्वेदिक अस्पताल ऐसे हैं जहां मरीजों को देखकर दवाएं दी जाती है लेकिन मरीज भर्ती करने की कोई व्यवस्था नहीं है। कुल 3 यूनानी अस्पताल में से एक 15 बेड का यूनानी अस्पताल शहर में अयोध्या हाईवे पर सद्भावना पुलिस चौकी के पास स्थित है। 2 और यूनानी अस्पताल अलावल देवरिया व गौरा चौकी में स्थित हैं। यूनानी के 4 निर्धारित डाक्टरों के पदों के सापेक्ष 3 ही कार्यरत है और एक पद रिक्त है। 40 आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों के निर्धारित पदों के सापेक्ष 22 डाक्टर जिले के विभिन्न आयुर्वेदिक अस्पतालों कार्यरत हैं। यहां पर आयुर्वेदिक डाक्टरों के 18 पद रिक्त चल रहे हैं। इनमें से कुछ डॉक्टर वर्तमान समय में विभिन्न प्रकार की छुट्टी पर चल रहे है।
आयुर्वेदिक विभाग में 39 फार्मासिस्ट के व एक चीफ फार्मासिस्ट का पद सृजित है। इसके सापेक्ष 28 फार्मासिस्ट उपलब्ध है और 11 पद रिक्त है। इनमें से 31 अक्टूबर को धोबहाराय आयुर्वेदिक अस्पताल के फार्मासिस्ट ओम प्रकाश पाण्डेय रिटायर हो रहे हैं। यहां की प्रभारी डाक्टर सौम्या गुप्ता करीब एक साल से अस्पताल नहीं आ रही है और लगातार छुट्टी पर चल रही है। इसकी सूचना जिला आयुर्वेदिक अधिकारी द्वारा निदेशालय को दी जा चुकी है। दो बार डॉक्टर सौम्या गुप्ता के व्यक्तिगत पते पर पत्र भेजा गया लेकिन उन्होंने उसे नहीं लिया और वापस कर दिया। इस सम्बन्ध दो बार शासन को भी पत्र भेजा जा चुका है। नए साल के फरवरी माह में रामापुर आयुर्वेदिक अस्पताल के फार्मासिस्ट रुद्र नारायन पाण्डेय व मार्च माह में कटरा बाजार आयुर्वेदिक अस्पताल के फार्मासिस्ट छेदी राम मिश्रा रिटायर हो जाएंगे।
39 आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में से 10 अपने भवन में, 4 किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं। 16 आयुर्वेदिक अस्पताल विभिन्न पीएचसी व सीएचसी पर व 9 चिकित्सालय निःशुल्क के भवन में संचालित हो रहे हैं। बेनिया, दर्जी कुंवा, दतौली, टिकरी, सर्वाँगपुर, झालीधाम समेत 6 आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के नए भवन निर्माण को लेकर भूमि मिल चुकी है और निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। अन्य चिकित्सालयों के भवन निर्माण को लेकर भूमि की तलाश की जा रही है। इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा तहसील प्रशासन को आदेशित किया जा चुका है। बरौली, साबरपुर,चकरोत, कटरा बाजार, बेलवाभान, दुबहा बाजार, सदाशिव, कटरा शिवदयालगंज, चचरी, हथियागढ़, चौबेपुर, पसका, समेत 12 चिकित्सालयों की भूमि का प्रस्ताव तहसील में एसडीएम के यहां पेंडिंग हैं। ग्रामपंचायत से इनके भूमि का प्रस्ताव पास हो चुका है।
इसके अलावा मगुरा बाजार, बनगाई, परास, उमरी बेगमगंज, नगरा बुजुर्ग, पकड़ी समेत 6 हेल्थ वेलनेस सेंटर हैं। इसके अतिरिक्त उमरी बेगमगंज, नगरा बुजुर्ग, पड़री कृपाल, पकड़ी, बखरवा पालहापुर चचरी, समेत 6 स्थानों पर योगा वेलनेस सेंटर चल रहे हैं। जिला आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी अरुन कुरील ने बताया कि विभाग में डाक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी का एक पत्र विभागीय मंत्री को भी उनके द्वारा मिलकर दिया जा चुका है। सभी अस्पतालों में दवाएं प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। धोबहाराय आयुर्वेदिक अस्पताल की प्रभारी डाक्टर सौम्या गुप्ता करीब सालभर से नहीं आ रही है और लगातार छुट्टी पर चल रही है। विभाग द्वारा उनका वेतन रोका जा चुका है। कम संसाधन के बावजूद सभी आयुर्वेदिक चिकित्सालयों को नियमित खुलवाने की कोशिश की जा रही है।