बालपुर गोंडा। चार महीने से लापता बेटे का फोटो लेकर इधर उधर भटकते हुए तलाश में बेवा बूढ़ी मां की आंखों से आंसू बरसते रहते हैं। वह एक टक अपनी आंखों से अपने खोए बेटे के मिलने के इंतजार के जद्दोजहद से जूझ रही है। कई सालों पहले उसके पति के परलोक सिधारने के बाद बची खुशी बूढ़ी जिंदगी का सहारा छिनने के बाद वह बेबस व असहाय नजर आ रही है। लापता बेटे को मिलने वाली एक हजार रुपए पेंशन से खुशहाली से चलने वाली उसके जिंदगी की गाड़ी अब तो पटरी से उतर सी गई लगती है।
मामला थाना कोतवाली नगर के गांव माधवपुर चकत्ता का है। यहां की निवासी बूढ़ी बेवा गीता पत्नी रक्षाराम का इकलौता बेटा 19 वर्षीय निरहू उर्फ मोहन करीब 4 महीने से गायब है। युवक के पिता रक्षाराम की मौत करीब 20 वर्ष पहले हो चुकी है। पति की मौत के बाद यह 60 वर्षीय वृद्ध महिला गीता असहाय हो गई। उसने एफआईआर दर्ज कराने के लिए नगर कोतवाली की पुलिस को तहरीर दिया। उसकी तहरीर पर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर लिया है। वह महिला पुलिस अधीक्षक की ड्योढ़ी पर भी जा चुकी है। इतनी कोशिशों के बावजूद उसका खोया बेटा नहीं मिला। वह बेटे का फोटो लेकर उसकी तलाश में इधर उधर भटक रही है।
उसका लापता बेटा मोटे दिमाग का था। उसे एक हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन सरकारी खजाने से मिलती रही और उसी से परिवार का जीविकोपार्जन होता रहा। अचानक उसके बेटे के गायब हो जाने से पेंशन मिलनी भी बन्द हो गई। अब तो उसकी जिन्दगी जीने के भी लाले पड़ गए हैं और वह बेहद मुफलिसी में जिन्दगी गुजर बसर करने को मजबूर है। उसके आंखों से गिरती आंसुओं की धार किसी का दिल पिघला सकती है। इस तरह से उसके बुढ़ापे की लाठी का सहारा छिन गया है।