बालपुर गोंडा। ग्राम छिटनापुर में कटरा बाजार रोड स्थित चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के मामले में नायब तहसीलदार द्वारा अतिक्रमणकारियों को 7 दिन के भीतर अपना अतिक्रमण हटाकर चारागाह की भूमि खाली करने के अल्टीमेटम की मियादि खत्म हो गई है। दो सप्ताह बीतने के बावजूद यहां फैला अतिक्रमण का मकड़जाल नहीं हटाया जा सका है। तहसील प्रशासन अतिक्रमणकारियो की शिफ्टिंग की तैयारियों में जुटा हुआ है।
करनैलगंज तहसील क्षेत्र की ग्रामपंचायत छिटनापुर में कटरा बाजार रोड पर स्थित चारागाह की एक एकड़ से अधिक बेशकीमती भूमि पर दो दशक से अधिक समय से अतिक्रमणकारी अवैध कब्जा जमाए हुए हैं। इसी गांव के निवासी तरुण चन्द्र शुक्ल ने चारागाह की भूमि पर से अवैध कब्जा हटवाने का बीड़ा उठाया। उन्होंने पहले तहसील के अधिकारियों से चरागाह की भूमि से अवैध कब्जा हटवाने की कई बार शिकायत किया। उनकी शिकायत पर चारागाह की भूमि से अवैध कब्जा हटवाने को लेकर एसडीएम भारत भार्गव ने राजस्व कर्मियों की टीम का गठन कर दिया था। लेकिन बाद में राजस्व कर्मियों ने इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते अवैध कब्जा हटवाने में हीलाहवाली किया। अवैध कब्जे को हटवाने को लेकर तहसीलदार की कोर्ट से भी फैसला लिया जा चुका है।
इसी बीच मामले का तहसील स्तर निपटारा लटकने पर फरियादी पक्ष ने इसको लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जनहित याचिका दाखिल कर दिया। तहसील प्रशासन हाइकोर्ट की नोटिस के बाद हरकत में आया है। प्रशासन को अब हाइकोर्ट में इस मामले में तहसील प्रशासन जवाब दाखिल कर चुका है। जबकि हाईकोर्ट ने विधिसम्मत तरीके से चारागाह की भूमि का अतिक्रमण हटवाने का आदेश दिया है। करीब दो सप्ताह पहले नायब तहसीलदार ने पुलिस बल समेत मौके पर पहुंचकर सप्ताहभर के भीतर सभी अतिक्रमण हटाने का अल्टीमेटम अवैध कब्जाधारियों को दे दिया था। नायब तहसीलदार ने साथ में अतिक्रमणकरियों को चेतावनी भी दी कि यदि सप्ताहभर में अतिक्रमण हटाकर चारागाह की भूमि को खाली नहीं किया गया तो प्रशासन पुलिस बल समेत मौके पर पहुंचकर सभी अतिक्रमण हटवा देगा। इसके बाद चारागाह की भूमि पर अवैध कब्जा जमाए लोगों में हड़कंप मच गया था।
उपजिलाधिकारी करनैलगंज भारत भार्गव ने बताया कि वह जरुरी काम में हैं इसके बाद ही इसके बारे में कुछ बता पाएंगे। नायब तहसीलदार संतोष कुमार यादव ने बताया कि ग्राम छिटनापुर के चारागाह भूमि पर से अवैध अतिक्रमण हटवाकर भूमि खाली कराने के मामले में कानूनी प्रक्रिया चल रही है। करीब डेढ दर्जन अतिक्रमणकारियों के भूमिहीन होने के चलते घर बनाने को लेकर प्रत्येक को 2.5 बिस्वा भूमि तलाशकर दी जा रही है। इसके बाद उनको वहां शिफ्ट करके चारागाह की भूमि खाली करा दिया जायेगा। इसका फैसला तहसीलदार कोर्ट से हो चुका है। इसी बीच मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है वहां जवाब भी दाखिल किया जा चुका है।