गोंडा 4 जून 2025 । जनपद गोंडा में ग्राम चौपाल 3.0 कार्यक्रम को प्रभावशाली और परिणामोन्मुख बनाने हेतु जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बुधवार को सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं । उन्होंने कहा है कि ग्राम चौपालों को पूर्ण सजगता और उत्तरदायित्व के साथ संपन्न किया जाए।
उन्होंने यह निर्देश हाल में संपन्न चौपालों की समीक्षा के उपरांत जारी किए, जिनमें यह अनुभव किया गया कि कुछ विभागीय स्तरों पर तैयारियों में शिथिलता रही। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि अब प्रत्येक चौपाल से पूर्व चिन्हित प्रकरणों की पूर्व समीक्षा अनिवार्य होगी और फील्ड स्तर पर लापरवाही की स्थिति में सीधी जवाबदेही तय की जाएगी।
निर्देशों के मुख्य बिंदु
1. केस-टू-केस समीक्षा अनिवार्य: प्रत्येक ग्राम चौपाल से पहले, उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदारों को संबंधित प्रकरणों की केस-टू-केस समीक्षा करनी होगी। इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई की स्थिति में उत्तरदायित्व तय कर कार्रवाई की जाएगी।
2. योजनाओं से वंचितों को प्राथमिकता से जोड़ा जाए: खंड विकास अधिकारी और संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जो पात्र परिवार अब तक लाभार्थीपरक योजनाओं से वंचित हैं, उनका चिन्हीकरण कर आवेदन प्राप्त किए जाएं और नियमानुसार त्वरित निस्तारण हो।
3. नोडल अधिकारियों को निरीक्षण और रिपोर्टिंग का अधिकार: ग्राम भ्रमण के दौरान नोडल अधिकारी आदेशों के अनुपालन की समीक्षा और रिपोर्टिंग करेंगे। किसी भी कर्मचारी द्वारा निर्देशों की अवहेलना की स्थिति में तत्काल संस्तुति सहित अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
*शासन की प्राथमिकता है ग्राम चौपाल*
जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा है कि ग्राम चौपाल अब केवल औपचारिक मंच नहीं है, बल्कि यह शासन की जमीनी प्राथमिकताओं का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें उपस्थिति, सक्रिय सहभागिता और समाधान-प्रधान कार्यशैली अनिवार्य है। सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे न केवल समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करें, बल्कि दायित्वबोध के साथ जनसमस्याओं का समाधान भी करें।