जनसंवाद समाचार के धनई पट्टी क्षेत्र के किसानों की गेंहू सिंचाई की समस्या प्रमुखता से उठाने के बाद कुम्भकरणी निद्रा में सोए हुए सिंचाई विभाग के इंजीनियर जागे। आनन फानन में पिछले सप्ताह में शुक्रवार को धनई पट्टी नहर में पानी चालू किया गया। इस तरह से नहर में पानी चालू करना रस्म अदायगी तक ही सीमित रह गया। सोमवार को मौके का निरीक्षण करने के बाद पता चला धनई पट्टी नहर में चालू किया गया तीन दिन बीतने के बावजूद ग्राम पंचायत परसागोंडरी की सीमा पार नहीं कर पाया है। जबकि धनई पट्टी नहर का मुख्य गेट भी ग्राम परसागोंडरी में बना हुआ है। इससे साफ साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिंचाई विभाग किसानों की समस्याओं के प्रति कितना लापारवाह है।
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत परसागोंडरी के गांव रोसीपुरवा व प्रतापबली पुरवा के पास करीब 40 साल पुराना एक एक पाइप लगाकर आनन फानन में धनई पट्टी नहर को चालू करने का भारी लापरवाही भरा प्रयास किया गया है। इससे नहर के चालू रहने पर इससे होकर लोड ट्रैक्टर ट्राली गुजरने पर दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है। धनई पट्टी नहर के बहाव के वेग के मुताबिक़ यहां कम से कम एक स्थान पर तीन नया पाइप लगाया जाना चाहिए जिससे भविष्य के लिए कोई खतरा न बना रहे और ग्रामीणों का आवागन सुचारु रूप से हो सके। सिंचाई विभाग यहां पर सालभर सरयू नहर चालू होने के बीतने के बावजूद दो पुलिया तक नहीं बना पाया है। इससे यह नहर सोनहरा से लेकर धनई पट्टी तक सूखी पड़ी हुई है और इसमें पशु चर रहे है। अनेक जगहों पर नहर में झाड़झंखाड़ उगे हुए हैं और इसकी सफाई तक नहीं कराई गई है।
इस समय क्षेत्र में गेंहू सिंचाई का पीक सीजन चल रहा है। किसान करीब सौ रुपए लीटर डीजल बाजार से खरीदकर अपना खेत सींचने को मजबूर कर दिया गया है। इस तरह से मंहगे डीजल को खरीदने की मार क्षेत्रीय किसानों को झेलनी पड़ रही है। इससे सिंचाई विभाग के इंजीनियरो की भारी लापारवाही साबित हो जा रही है। जबकि सरयू नहर परियोजना को चालू हुए साल भर से ज्यादा का समय बीत चुका है। धनई पट्टी नहर क्षेत्र के हजारों किसानों को सिंचाई विभाग गेंहू की सिंचाई का पानी नहीं उपलब्ध करा पा रहा है। इससे विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की पोल खुल जा रही है।
सरयु नहर की शाखा धनई पट्टी माइनर की लंबाई करीब 19 किलोमीटर की खोदाई पूरी की जा चुकी है। धनई पट्टी मुख्य नहर की 9 माइनर शाखाएं है इससे इसका कुल दायरा बढ़कर करीब 95 किलोमीटर का हो जाता है। परसागोण्डरी,सोनहरा,हाडियागाड़ा,गोगिया, सालपुर धौताल, धानी, धनखर, ठकुरापुर, नरायनपुर मर्दन, सरैंया चौबे, तुलसीपुर, चांदपुर, खरगूपुर, दुल्लापुर, ठड़क्की पट्टी, धनई पट्टी समेत 17 गांव धनईपट्टी मुख्य नहर से सीधे जुड़े हुए हैं।
धनईपट्टी मुख्य नहर के 9 माइनर है। इनमें सबसे पहले बेलवानोहर माइनर करीब 8 किलोमीटर का है। इसके तहत बेलवानोहर,सालपुर धौताल, धनखर, डोमा कल्पी, ज्ञानपुर सुभागपुर समेत 6 गांव आते है। दूसरे नंबर पर दुरगोंडवा माइनर करीब 3 किलोमीटर का है इसमें दुरगोंडवा व नरायनपुर मर्दन समेत दो ग्रामपंचायतों के ज्यादातर गांव शामिल है। तीसरे नंबर करनपुर माइनर करीब 3 किलोमीटर का है इसमें तुलसीपुर व करनपुर ग्रामपंचायतों के ज्यादातर गाँव शामिल है।चौथे नंबर चांदपुर माइनर करीब तीन किलोमीटर का है इसके तहत चांदपुर ग्रामपंचायत के ज्यादातर गांव आते है।
पांचवें नंबर पर खरगूपुर माइनर करीब 3.5 किलोमीटर की है। इसमें खरगूपुर ग्रामपंचायत के ज्यादातर गांव आते है। छठे नंबर गोड़वा माइनर करीब 4 किलोमीटर की है। इसके तहत खरगूपुर व दुल्लापुर ग्रामपंचायत के ज्यादातर गांव आते है। सातवें नंबर पर भटपुरवा माइनर करीब 9 किलोमीटर की है। इसके तहत ठड़क्कीपट्टी, धनई पट्टी, माधवपुर, हरखापुर,लव्वाटेपरा, चिरेबसना,निहालपुर समेत 7 ग्रामपंचायतों के ज्यादातर गांव आते है।आठवें नंबर पर लव्वाटेपरा माइनर करीब 3.5 किलोमीटर का है। इसमें लव्वाटेपरा, धनईपट्टी, विरसिंहपुर समेत तीन गांवों के क्षेत्र आते है। नौवें नंबर पर डिडिसिया कला माइनर करीब 5.5 किलोमीटर लंबा है। इसमें डिडिसिया कला, हरखापुर व खरगूपुर समेत तीन ग्रामपंचायतों के गांव आते है।
एक्सईएन सिंचाई विभाग सतीश कुमार यह नहीं बता पाए कि धनई पट्टी नहर का पानी चालू होने का मेन गेट कब चालू होता है और कब बन्द होता है। साथ में मुख्य गेट सोमवार को 12 बजे तक क्यों बन्द रहा पानी नहीं चलाया जा सका है इसका वह समुचित जवाब नहीं दे पाए। किसानों की समस्या के प्रति वह कितना गम्भीर है इससे इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।