गोण्डा। 11 दिसम्बर,2024 बुधवार को उद्यान विभाग के परिसर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत उद्यान विभाग द्वारा दो दिवसीय गोष्ठी / मेले का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित तथा मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण कर जिलाधिकारी नेहा शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन तथा ब्लॉक प्रमुख तरबगंज मनोज पाण्डेय ने किया।
कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ने वहां पर उपस्थित सभी किसानों एवं अन्य लोगों को उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में जानकारी दी, और उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा किसान बन्धुओं के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसका लाभ किसानों को सीधे मिल रहा है। वहीं कार्यक्रम के दौरान जनपद के उत्कृष्ट किसानों द्वारा तथा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाए गए, जिसका जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा ब्लॉक प्रमुख तरबगंज व अन्य अधिकारियों ने एक-एक स्टॉल पर जाकर अवलोकन किया। कार्यक्रम के दौरान जनपद के उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को तथा विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा के द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने वहां पर उपस्थित सभी किसानों एवं अन्य लोगों को विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के संबंध में विस्तार से बताया।
गोण्डा। 11 दिसम्बर,2024 बुधवार को उद्यान विभाग के परिसर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत उद्यान विभाग द्वारा दो दिवसीय गोष्ठी / मेले का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित तथा मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण कर जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन तथा ब्लॉक प्रमुख तरबगंज मनोज पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ने वहां पर उपस्थित सभी किसानों एवं अन्य लोगों को उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में जानकारी दी, और उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा किसान बन्धुओं के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसका लाभ किसानों को सीधे मिल रहा है।
कार्यक्रम के दौरान जनपद के उत्कृष्ट किसानों द्वारा तथा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाए गए, जिसका जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा ब्लॉक प्रमुख तरबगंज व अन्य अधिकारियों ने एक-एक स्टॉल पर जाकर अवलोकन किया। कार्यक्रम के दौरान जनपद के उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को तथा विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को जिलाधिकारी नेहा शर्मा के द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने वहां पर उपस्थित सभी किसानों एवं अन्य लोगों को विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
मल्चिंग का महत्व
मल्चिंग की पत्तियां सड़कर जैविक खाद्य में बदलती हैं जिससे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ेगी, फसल अवशेष फसलों के लिए लगभग सभी पोषकतत्व पाए जाते हैं जिससे फैसले अच्छी होती हैं और उपज में वृद्धि होती है।
मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ के बढ़ने से मिट्टी में जलधारण क्षमता बढ़ जाती है जिससे पानी की बचत होती है और मिट्टी में वायुसंचार में वृद्धि होती है तथा रासायनिक खादों का प्रयोग कम करके मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधरता है।
कार्यक्रम के उपरांत जिलाधिकारी ने उद्यान विभाग के पौधशाला एवं नर्सरी का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उद्यान विभाग में स्थापित पौध उपज/ बीज उपज करने वाली यंत्र मशीन को चलवा कर देखा।
मल्चिंग करने के लिए आवश्यक कार्य
फसलों में मल्चिंग करने के लिए एक एकड़ में लगभग 25 कुंतल सुखी गन्ने की पत्ती, पुवाल पेड़ों की पत्तियां या सूखी घास को किया जा सकता है।
फसलों में दो लाइनों के बीच सुखी गन्ने की पत्ती, पुवाल पेड़ों की पत्तियां या सूखी घास को लगभग 8 से 10 सेंटीमीटर मोटी तह के रूप में बिछाना चाहिए।
गन्ने में पेड़ी वाली गन्ने के फसल को काटने के तुरंत बाद ही मल्चिंग करना चाहिए तथा गन्ने की बुवाई में नए गन्ने के जमाव के बाद ही मल्चिंग करना चाहिए।
*खेत में पत्ती जलाने से नुकसान*
एक ग्राम मिट्टी में 10 से 35 करोड़ लाभकारी जीवाणु व एक से 2 लाख तक लाभकारी फफूंद जलकर नष्ट हो जाती हैं, मिट्टी की जलधारण क्षमता कम हो जाती है और सिंचाई ज्यादा करनी पड़ती है, 15 सेंटीमीटर तक पाए जाने वाले सूक्ष्म जीव व मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं जिससे फसल में उत्पादन बहुत कम हो जाता है खेत में पत्ती जलाने से पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, ब्लॉक प्रमुख तरबगंज मनोज कुमार पांडेय, उपनिदेशक उद्यान, उपनिदेशक कृषि, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
*मल्चिंग का महत्व*
मल्चिंग की पत्तियां सड़कर जैविक खाद्य में बदलती हैं जिससे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ेगी, फसल अवशेष फसलों के लिए लगभग सभी पोषकतत्व पाए जाते हैं जिससे फैसले अच्छी होती हैं और उपज में वृद्धि होती है।
मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ के बढ़ने से मिट्टी में जलधारण क्षमता बढ़ जाती है जिससे पानी की बचत होती है और मिट्टी में वायुसंचार में वृद्धि होती है तथा रासायनिक खादों का प्रयोग कम करके मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधरता है।
कार्यक्रम के उपरांत जिलाधिकारी ने उद्यान विभाग के पौधशाला एवं नर्सरी का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उद्यान विभाग में स्थापित पौध उपज/ बीज उपज करने वाली यंत्र मशीन को चलवा कर देखा।
*मल्चिंग करने के लिए आवश्यक कार्य*
फसलों में मल्चिंग करने के लिए एक एकड़ में लगभग 25 कुंतल सुखी गन्ने की पत्ती, पुवाल पेड़ों की पत्तियां या सूखी घास को किया जा सकता है।
फसलों में दो लाइनों के बीच सुखी गन्ने की पत्ती, पुवाल पेड़ों की पत्तियां या सूखी घास को लगभग 8 से 10 सेंटीमीटर मोटी तह के रूप में बिछाना चाहिए।
गन्ने में पेड़ी वाली गन्ने के फसल को काटने के तुरंत बाद ही मल्चिंग करना चाहिए तथा गन्ने की बुवाई में नए गन्ने के जमाव के बाद ही मल्चिंग करना चाहिए।
*खेत में पत्ती जलाने से नुकसान*
एक ग्राम मिट्टी में 10 से 35 करोड़ लाभकारी जीवाणु व एक से 2 लाख तक लाभकारी फफूंद जलकर नष्ट हो जाती हैं, मिट्टी की जलधारण क्षमता कम हो जाती है और सिंचाई ज्यादा करनी पड़ती है, 15 सेंटीमीटर तक पाए जाने वाले सूक्ष्म जीव व मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं जिससे फसल में उत्पादन बहुत कम हो जाता है खेत में पत्ती जलाने से पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।कार्यक्रम के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, ब्लॉक प्रमुख तरबगंज मनोज कुमार पांडेय, उपनिदेशक उद्यान, उपनिदेशक कृषि, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।