गोंडा। जिले का आशादेव मेमोरियल सर्जिकल हॉस्पिटल में भारी लापरवाही के चलते एक महिला मरीज की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
मृतक महिला गीता के पति इंद्र कुमार मिश्रा निवासी ग्राम कैथोला बंजरिया थाना कटरा बाजार ने बताया कि 3 जून को उन्होंने अपनी पत्नी को बच्चेदानी की समस्या के लिए आशादेव हॉस्पिटल में भर्ती कराया। यहां के डॉ. देवेंद्र मोहन शुक्ला ने ऑपरेशन की सलाह दी और उसी दिन ऑपरेशन किया गया। पांच दिन बाद भी गीता की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। परिजनों ने डॉक्टर को सूचित किया तो उन्होंने दोबारा ऑपरेशन की सलाह दी और कहा कि 4-5 टांके खोलकर समस्या का पता लगाया जाएगा। ऑपरेशन थिएटर में मरीज के पेट के 27-28 टांके खोले गए और दोबारा ऑपरेशन किया गया। इंद्र ने आरोप लगाया कि इस दौरान डॉक्टर और स्टाफ ने लापरवाही बरती और उनसे पैसे की मांग की गई। इसके बावजूद गीता की हालत बिगड़ती गई और 15 जून की सुबह उनकी मौत हो गई। उन्होंने नगर कोतवाली में शिकायती पत्र देकर डॉक्टरों की लापरवाही और दो बार ऑपरेशन के कारण पत्नी की मौत का आरोप लगाया है।
आशादेव हॉस्पिटल की लापरवाही और मरीजों की मौत के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। स्थानीय लोगों और मृतक के परिजनों ने मांग की है कि दोषी डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही स्वास्थ्य विभाग से इस अस्पताल की मान्यता रद्द करने की मांग उठ रही है। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सवाल यह है कि कब तक ऐसी लापरवाही मरीजों की जान लेती रहेगी?