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डीएम की सख्ती प्रधान सचिव व गोआश्रय स्थल के केयर टेकर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के दिए निर्देश

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गोंडा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने गो आश्रय स्थलों में लापरवाही को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। बेलसर विकासखंड के पकवान गांव और ताराडीह ग्राम पंचायत के अस्थायी गो आश्रय स्थलों की दुर्व्यवस्थाओं पर कार्रवाई करते हुए संबंधित ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी और केयरटेकर के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, बेलसर के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई है।

जिलाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जनपद के सभी गो आश्रय स्थलों की जांच के लिए टीम गठित कर निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि गोवंशों के रखरखाव में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।

 

*जांच में सामने आईं गंभीर खामियां*
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की रिपोर्ट और निरीक्षण टीम की जांच में पकवान गांव और ताराडीह के गो आश्रय स्थलों पर प्रबंधन की गंभीर खामियां उजागर हुईं। निरीक्षण में यह पाया गया कि:

*ठंड से बचाव के लिए कोई प्रबंध नहीं था।*

*भूसा और हरा चारा लगभग न के बराबर उपलब्ध था।*

*पकवान गांव में पीने के पानी का टैंक नहीं था।*

*पशुओं को दूषित तालाब का पानी पिलाया जा रहा था।*

इन व्यवस्थागत खामियों को देखते हुए जिलाधिकारी ने इसे सरकारी धन के दुरुपयोग और पशुओं के प्रति असंवेदनशीलता मानते हुए सख्त कार्रवाई के आदेश दिए।

 

*सभी गो आश्रय स्थलों की होगी व्यापक जांच*
जिलाधिकारी ने जनपद के सभी गो आश्रय स्थलों का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने प्रत्येक गो आश्रय स्थल की वित्तीय गतिविधियों की आंतरिक ऑडिट करने का भी आदेश दिया है। डीएम ने कहा कि गो आश्रय स्थलों के संचालन में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करना अनिवार्य है।

जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लापरवाही के लिए जिम्मेदार किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य गोवंशों के लिए बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करना और भविष्य में ऐसी लापरवाही रोकना है।

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